योगी सरकार विकास की खाई को बढ़ाने वाली ही साबित हो रही है। पृथक पूर्वांचल राज्य का गठन ही एकमात्र समाधान है। पूर्वाचल अचानक पिछड़ना शुरू नहीं हुआ , लम्बे समय तक यूपी में राज करने वाली सरकारों की देन है।
![]() |
अनुज राही, फोटो:pnp |
बस्ती। योगी सरकार विकास की खाई को बढ़ाने वाली ही साबित हो रही है। पृथक पूर्वांचल राज्य का गठन ही एकमात्र समाधान है। पूर्वाचल अचानक पिछड़ना शुरू नहीं हुआ , लम्बे समय तक यूपी केंद्र मवन राज करने वाली सरकारों की देन है।
ये बातें पूर्वांचल राज्य जनआंदोलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुज राही हिंदुस्तानी ने कही। वे योगी सरकार की तीसरी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी की सफलता असफलता पर एक औपचारिक बातचीत कर रहे थे। कहते है कि यद्यपि योगी ने यूपी के विकास के लिए गंभीर प्रयास किये हैं लेकिन पूर्वांचल का ये दुर्भाग्य ही है कि यूपी के विकास का कोई भी प्रयास पूर्वांचल को पश्चिम की तुलना में विकास में और भी पीछे ढकेलता जाता है।
उन्होंने कहा कि योगी के तमाम प्रयास पूर्वांचल में उद्यमियों को आकर्षित करने में अंततः असफल ही साबित हुए हैं जबकि एक नव गठित छोटा राज्य अपने आय और राजस्व के स्रोतों को बढ़ाने की प्रक्रिया में उद्यमियों के लिए तमाम रियायतें, अनुदान और प्रोत्साहन योजनाओं को लेकर आता है जो उसके तीव्र विकास का इंजन बनती हैं, जैसा कि उत्तराखंड में भी हुआ और ये सब एक पृथक राज्य की विशेषीकृत नीतियों से ही सम्भव होता है।
सम्बंधित खबरें:-
● "पृथक पूर्वांचल राज्य गठन तक जारी रहेगी लड़ाई, शांत नहीं बैठेंगे"
● पूर्वांचल राज्य गठन तक शांत नहीं बैठेंगे : अनुज राही हिन्दुस्तानी
● PRJ की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद घोषित
● योगी के बजट में हुआ पूर्वांचल के साथ भेदभाव, यह कैसा न्याय? बुंदेलखंड से बड़ा पूर्वांचल, फिर भी बराबर बजट आवंटित क्यूं
उन्होंने कहा कि ज़ब किसी क्षेत्र में उद्योगों का विकास होता है तो ये उद्योग न केवल सीधा रोजगार और विकास पैदा करते हैं बल्कि उन उद्योगों को जरुरी कच्चा एवं अर्ध तैयार माल आपूर्ति करने वाले उद्यमों का भी विकास होता ऐसे में इन सबके चलते नागरिक क्षेत्रों का भी विस्तार होता है, लोगों के जीवन स्तर में वृद्धि होती है जिससे अनेक अन्य क्षेत्रों ख़ासकर सेवा क्षेत्र में भी रोजगार पैदा होते हैं।
पश्चिमी यूपी में लगातार उद्योगों के विकास से जहाँ पश्चिमी यूपी तेजी से आगे बढ़ता गया वहीं पूर्वांचल उतनी ही तेजी से पीछे छूटता गया। ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 3.0 की सबसे बड़ी असफलता यही है कि 80224 करोड़ रुपये की कुल परियोजनाओं में से 73% पश्चिमी यूपी में गईं हैं जबकि पूर्वांचल को मात्र 12% से ही संतोष करना पड़ा है, ये असंतुलित विकास पुनः पश्चिम और पूर्वांचल के बीच विकास की खाई को और भी बढ़ा देगा।
श्री राही ने कहा अब दूसरा कोई भी विकल्प नहीं वजाय इसके की यूपी का विभाजन कर पृथक पूर्वांचल राज्य का गठन हो और विकास जो पश्चिम में केंद्रित हो चुका है उसका एक नया केंद्र पूर्वांचल बने।